प्रधानमंत्री के दिल के डॉक्टर संपत कुमार ने रोग से बचने के लिए हिन्दी में एक कविता लिखी...........

यह है हमारी सलाह, इसमे है तुम्हारा भला
चालीस के बाद छोड़ो मीठा स्वाद,
मक्खन फैंको नमक पर थूको,
सांस लेकर जोर से फूँको
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
सैर करने निकला तो सेहत का होगा भला
लंबा गहरा सांस भरना बल्ड प्रेशर को नीचे ला
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
चावल, चीनी छोड़ो, बुरी आदतों को तोड़ो,
जीवन अपना सुधारो वरना अस्पताल पधारो
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
सालों बाद दिल पर पड़ेगा बोझ
डाक्टर करेगा दिल की खोज
निकलेगी अन्दर से चिकनाई
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
यह है हमारी सलाह, इसमे है तुम्हारा भला
चालीस के बाद छोड़ो मीठा स्वाद,
मक्खन फैंको नमक पर थूको,
सांस लेकर जोर से फूँको
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
सैर करने निकला तो सेहत का होगा भला
लंबा गहरा सांस भरना बल्ड प्रेशर को नीचे ला
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
जीवन अपना सुधारो वरना अस्पताल पधारो
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
सालों बाद दिल पर पड़ेगा बोझ
डाक्टर करेगा दिल की खोज
निकलेगी अन्दर से चिकनाई
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
जीवन एक लंबा सफर है अभी तुम्हारा दोपहर है
शाम को ताजगी जरूरी है तंदरूस्त रहना जरूरी है।
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
शाम को ताजगी जरूरी है तंदरूस्त रहना जरूरी है।
यह है हमारी सलाह इसमें है तुम्हारा भला.......
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