Saturday, November 6, 2010

योग से डायबिटीज दूर

इन दिनों डायबिटीज के मरीजों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। वक्रासन, कुर्मासन, योगमुद्रा, शलभासन, धनुरासन आदि के माध्यम से काफी हद तक डायबिटीज को दूर किया जा सकता है।
लोनावला स्थित केवल्यधाम नामक योग संस्था में वैज्ञानिकों ने शोध कर पाया कि योगासनों के माध्यम से पूर्ण रूप से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए मरीजों को नियमित एक घंटे योग करना जरूरी है। इसके साथ अपनी गतिविधियों पर भी नियंत्रण रखना होता है। पेनक्रियाज (क्लोम ग्रथि) ही रक्त में बढ़ी हुई इंसुलिन को नियंत्रित करती है, जिससे डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। योगासन इन पेनक्रियाज पर जोर डालते हुए उसे दोबारा इंसुलिन के लिए तैयार करते हैं।
योग से तैयार होता है इंसुलिन
योग न सिर्फ डायबिटीज के लिए बल्कि वह अन्य शारीरिक बीमारियों को भी दूर करते हैं। हमारे शरीर में कोशिकाएं ग्लूकोज को तैयार नहीं कर पाती। इसके लिए इंसुलिन नामक हार्मोन की आवश्यकता पड़ती है, जो पेनक्रियाज के कमजोर होने से बराबर कार्य नहीं कर पाती हैं। आसनों का सीधा प्रभाव कोशिकाओं व पेनक्रियाज पर पड़ता है। डायबटिज खान-पान और तनाव को प्रमुख कारण माना गया है। खाने में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा, अधिक शकर, मीठा और चॉकलेट आदि से होता है।
योग करो, रहो स्वस्थ
यूनिवर्सिटी के योग केंद्र के एचओडी डॉ. एसएस शर्मा बताते हैं कि योग के कुछ ऎसे आसन होते है जिनका असर सीधा शरीर के उन भागों पर पड़ता हैं, जो इंसुलिन बनाने में सहयोग करते हैं। साथ ही पेनक्रियाज को नियंत्रण में रखने की क्षमता भी बढ़ाते है। डायबिटीज को कंट्रोल करने वाले आसन शरीर के लिए बेहद लाभदायक हैं, जिसे नियमित करने से स्वस्थ रहा जा सकता है।

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